भागती-दौड़ती इस जिंदगी तथा कॅरियर, बिजनेस की उलझन में कई लोगों को समय ही नहीं होता। ऐसे में कई घरों में बुजुर्गों की उचित सार-संभाल नहीं हो पाती। बच्चों के पढ़ाई या जॉब के सिलसिले में बाहर रहने के कारण कई बुजुर्ग तो एकाकी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ऐसे ही बुजुर्गों की केयर करने, एक्सरसाइज करवाने, खाना खिलाने व दवाएं देने जैसे कार्यों के लिए अब मेडिकल कॉलेज युवाओं को ट्रेनिंग देगा। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय की ओर से फरवरी माह के अंत में यह सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जाएगा।
कुछ दनों में शुरू होगी एडमिशन प्रक्रिया
यह कोर्स करने के बाद कम पढ़े-लिखे युवाओं को भी रोजगार मिलेगा, साथ ही वृद्धावस्था में लाेगाें काे केयर करने वाले विशेषज्ञ मिल पाएंगे। आयुर्वेद शिक्षा को रोजगार से जोड़ने के मकसद से विवि दो नए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू कर रहा है। कोर्सेज में सीटों की संख्या के साथ ही सिलेबस और फीस स्ट्रक्चर भी तैयार है। अब विवि प्रशासन कुछ दिनों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू करेगा। मेरिट के हिसाब से दोनों काेर्स में प्रवेश दिया जाएगा।
1. ओल्ड एज होम असिस्टेंट
छह माह के इस कोर्स में न्यूनतम योग्यता 10 वीं पास है। इसमें 20 सीटें व 10 हजार रुपए फीस होगी। कोर्स में सीनियर सिटीजन की केयरिंग की ट्रेनिंग और नॉलेज दी जाएगी। इसमें बेसिक मेडिकल नॉलेज, दिनभर बुजुर्गों के साथ रहने, उन्हें एक्टिविटी करवाने, एक्सरसाइज में मदद करने, खाना खिलाने सहित राेजमर्रा के काम करवाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इन सबकी प्रैक्टिकल ट्रेनिंग ओल्ड एज होम में दी जाएगी।
2. पंचकर्म टेक्नीशियन
पंचकर्म की मांग लगातार बढ़ रही है। देश-विदेश में पंचकर्म सेंटर्स के बढ़ते क्रेज को देखकर सरकार मेडिकल टूरिज्म में पंचकर्म को जोड़ रही है। इस सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि 1 वर्ष होगी। इसकी फीस 36 हजार होगी। 10+2 साइंस बायो से करने वाले प्रतिभागियों को मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। इसमें पंचकर्म करने वाले डॉक्टर के साथ-साथ टेक्नीशियन भी काम करेंगे। पूर्व में विवि में पंचकर्म असिस्टेंट का कोर्स चल रहा है।
ट्रेंड पर्सन आसानी से नहीं मिलते
आयुर्वेद विवि के कुलपित प्रो अभिमन्यु कुमार ने बताया कि एकाकी बुजुर्गाें की संख्या बढ़ रही है। इनका ख्याल रखने वाले टेंड्र पर्सन आसानी से नहीं मिलते। जो हैं वे भी काफी महंगे हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखकर यह कोर्स शुरू किया है। कम पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।